एमजीएम अस्पताल में 25 इमरजेंसी बेड बढ़ाने के बावजूद मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण इमरजेंसी में मरीजों की मृत्यु भी हो जाती है
मंगलवार शाम को आधे घंटे के भीतर एमजीएम हॉस्पिटल के एमरजैंसी वार्ड में दो लोगों की मृत्यु हो गई जिसके बाद परिजनों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया और डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की गई, हंगामे को बढ़ता देख रात लगभग 8:00 बजे ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी वहां से भाग निकले, जिसके कारण लगभग आधे घंटे तक एमरजैंसी वार्ड में इलाज ठप रहा! जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत करवाया तत्पश्चात सभी स्वास्थ्य कर्मी वापस आए और मरीजों का इलाज पुनः चालू किया! लेकिन इन सब चीजों से सवाल कई खड़े होते हैं अगर वाकई में परिजनों के द्वारा लगाए गए आरोप सच है तो आखिर क्यों स्वास्थ्य व्यवस्था इन पर कोई कदम नहीं उठा रही ,या फिर इन सभी बातों की जांच क्यों नहीं होती! क्योंकि इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान मृत्यु होने की यह कोई पहली घटना नहीं है इसके पूर्व भी ऐसे कई घटनाएं सामने आती रही है, अगर इमरजेंसी वार्ड में पर्याप्त बेड नहीं है तो, और बेड क्यों नहीं बढ़ाये जा रहे हैं !एमजीएम अस्पताल पूरे कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है ,तो जाहिर सी बात है कि प्रतिदिन यहां पर मरीजों की संख्या बढ़ती रहेगी, तो आखिर सरकार क्यों नहीं एक बड़े और भव्य इमरजेंसी वार्ड का निर्माण करा रही है जिसमें लगभग 200 इमरजेंसी बेड रहे और डॉक्टर भी उपलब्ध हो!