एक तरफ देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान जोरों शोरों से चलाया जा रहा है ,बेटियों को अव्वल दर्जा देने की बात की जा रही है और दूसरी ओर बिहार के हाजीपुर जिले में एक घटना सामने आती है जिससे बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार करती है, आपको बता दें कि हाजीपुर जिले के सदर अस्पताल में एक पिता अपने 8 साल की बच्ची का शव अपने कंधे पर ले जाने को मजबूर था क्योंकि उसे अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई जिसके कारण पिता अपनी बच्ची का शव को लेकर अस्पताल से निकलकर चौक तक जाता है और फिर प्राइवेट गाड़ी से शव को लेकर अपने घर पहुंचता है।सवाल यह उठता है कि क्या अब भी बिहार उसी दलदल में है जिस दल दल के बारे में सोच कर हमारी रूह कांप उठती है आखिर जब एक 8 साल की बच्ची के शव के खातिर बिहार सरकार एंबुलेंस मुहैया नहीं करवा सकती तो फिर हम बिहार सरकार से क्या अपेक्षा कर सकते हैं