झारखंड मे नेताओं के कमाई का अधिंकाश जरिया बड़ी-बड़ी कंपनियां तो राज्य के जनता मजदूरी के लिए अन्य राज्य में प्रवास क्यों कर रही है??

झारखंड राज्य अपने सुंदर वातावरण और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के लिए देश भर में प्रख्यात है, तो वही झारखंड के जमशेदपुर शहर में टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियां है तो धनबाद नगरी कोयले की नगरी है, और राज्य के 24 जिलों में अनेकों कंपनियां कार्य कर रही है जिसमें उषा मार्टिन जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल है। राज्य में खनिज संपदा एवं रसायन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी आज दिल्ली मुंबई कोलकाता जैसे बड़े शहरों में झारखंड के मजदूर प्रवास कर रहे हैं, चिंता का विषय यह है कि झारखंड निर्माण के 23 वर्ष होने के बावजूद जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को कभी गंभीरता से नहीं लिया, यद्यपि इन मुद्दों को गंभीरता से लेकर इस पर कार्य किया जाता तो आज झारखंड के बेटे झारखंड में अपने परिवार के साथ रहकर ही अपना जीवन यापन करते।


झारखंड की राजनीति के 23 वर्षों के इतिहास को अगर पढ़ा जाए और सत्ता में आए राजनेताओं के इतिहास और वर्तमान पर अगर नजर डाली जाए तो शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जिनके, कमाई कजरिया इन बड़ी-बड़ी कंपनियां से नहीं आता होगा चाहे फिर वह इन कंपनियों में नौकरी हो या फिर उनके करीबियों के नाम पर इन कंपनियों में इनके ठेके हो।


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