भुयांडीह क्षेत्र में 145घरों में मिले नोटिस के विरोध में बस्ती वासियों ने भुयांडीह से लेकर डीसी ऑफिस तक निकाला मार्च, उपायुक्त ने दिया आश्वासन की अगर सर्वे रिपोर्ट में उनका नाम नहीं है तो नहीं होगी उन पर कार्रवाई
भुयांडीह क्षेत्र अंतर्गत इंदरा नगर और कल्याण नगर में जमशेदपुर अंचल अधिकारी के द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया और इस नोटिस को (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी का आदेश बताया गया था, इसके बाद बस्ती वासियों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की कोलकाता बेंच में बीते 23 अगस्त को एक याचिका दायर की जिसे यह कर कर बर्खास्त कर दिया गया की सर्वे रिपोर्ट में कहीं भी इंदरा नगर और कल्याण नगर का उल्लेख नहीं किया गया है।
इसके बाद बस्ती वासियों ने भुयाडीह से लेकर उपयुक्त कार्यालय तक मार्च निकालकर विरोध किया कि जब एनजीटी को दिए गए संयुक्त सर्वे के रिपोर्ट में उनका उल्लेख नहीं किया गया है तो उन्हें नोटिस क्यों दिया जा रहा है। बस्ती में रहने वाले राहुल कुमार सिंह के साथ सभी बस्ती वासियों ने एक स्वर में कहा कि अगर एनजीटी में उनके क्षेत्र का मामला नहीं है उसके बावजूद जिला प्रशासन उनको नोटिस थमा रही है , तो यह दोहरी राजनीति हो रही है और अगर इस नोटिस के संदर्भ में प्रशासन कोई भी कार्रवाई करती है तो वे लोग सबसे पहले एक साथ अपना पहचान पत्र जमा करवाएंगे और जिला उपयुक्त से मांग करेंगे की सर्वप्रथम उनके पहचान पत्र को निष्क्रिय किया जाए, क्योंकि जब उनके मत से जीती हुई सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ नहीं है तो ऐसे मत अधिकार का उपयोग हम क्यों करें।
जिला उपायुक्त से मुलाकात करने के बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि अगर एनजीटी में दाखिल सर्वे रिपोर्ट में उनके क्षेत्र का उल्लेख नहीं है तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी इसके बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली और अब सब कि निगाहें आगामी 2 सितंबर को होने वाले सुनवाई पर टिकी हुई है। इस विरोध मार्च में मुख्य रूप से संतोष गुप्ता, किशोर साव,निरंजन साव ,रौनक कुमार,विश्वास घोष,अजीत सिंह ,अनिल सिंह, शत्रुघ्न रजक ,राहुल गुप्ता, रजनीश सिंह गोपाल साहू, रानी पोद्दार, गुड़िया कुमारी रणजीत सिंह अशोक गोप और सैकड़ो की संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद थे।